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अधूरा प्यार

एक दिन री‌ल्स देखते देखते खुशी ने हेमंत को मैसेज किया। हेमंत की रिल देखते ही खुशी को एक अट्रैक्शन महसूस हुआ। खुशी को हेमंत से प्यार हो गया था।

खुशी राजस्थान की रहने वाली थी और वही हेमंत हरियाणा का रहने वाला था। सोशल मीडिया के जरिए दोनों की बातचीत हुई। खुशी ने रिल देखते ही हेमंत को मैसेज कर दिया लेकिन हेमंत का कोई रिप्लाई ही नहीं आया।

बहुत दिनों तक ऐसा ही चला रहा खुशी रोज हेमंत को मैसेज करती लेकिन हेमंत का कोई रिप्लाई ही नहीं आता खुशी दिन भर हेमंत के मैसेज का वेट करती रहती।

इस वजह से खुशी का ध्यान भी पढ़ाई से हट रहा था और यह चीज उसकी मां को बिल्कुल अच्छी नहीं लग रही थी। खुशी की माँ खुशी को बहुत समझती लेकिन खुशी पर हेमंत के प्यार का भूत सवार था।

हेमंत का रिप्लाई

एक दिन हेमंत ने खुशी का रिप्लाई दे दिया खुशी ये देखकर बहुत खुश हुई अब रोज दोनों की सोशल मीडिया पर ही बात होती रही। लेकिन खुशी ने हेमंत को उसके प्यार के बारे में नहीं बताया था।

दोनों नॉर्मल दोस्तों की तरह बात करते लेकिन खुशी के मन में तो कुछ और ही चल रहा था लेकिन हेमंत को अपने प्यार के बारे में बताने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

खुशी को कहीं ना कहीं यह डर था कि हेमंत उसे मना ना कर दे। लेकिन खुशी बिना बताए भी नहीं रह सकती थी तो खुशी नहीं हेमंत को खुद के प्यार के बारे में बता दिया। हेमंत ने खुशी को ऐसा कोई जवाब नहीं दिया जिससे खुशी यह लगे कि वह भी उससे प्यार करता है।

तीन-चार महीने तक नॉर्मल दोस्त की तरह उनकी बात होती रही। हेमंत के मन में खुशी के लिए रिलेशनशिप में आने जैसा कुछ नहीं था।

मां की नाराजगी

खुशी का पढ़ाई को लेकर लापरवाह होना उसकी मां को बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था। खुशी की मां को हेमंत और खुशी की बातचीत के बारे में सब पता था।

खुशी की मां उसे हेमंत से बात करने के लिए मना नहीं कर रही थी, लेकिन उसे उसकी पढ़ाई को लेकर भी खूब समझाती थी। खुशी के एग्जाम्स भी नजदीक आ रहे थे लेकिन खुशी को अपनी पढ़ाई का कोई होश ही नहीं था।

जब एक सब्जेक्ट में खुशी फैल हो गई तो उसकी माँ उससे बहुत नाराज हुई। और खुशी को हेमंत से बात करने के लिए मना कर दिया। लेकिन खुशी कौन सी अपनी मां की बात मानने वाली थी, वह तो हेमंत से बात करें बिना रह भी नहीं सकती थी।

एक दिन कॉलेज में खुशी क्लास के टाइम पर हेमंत से बात कर रही थी। खुशी को बात करते हुए उसकी एक कॉलेज की प्रोफेसर ने पकड़ लिया। प्रोफेसर ने खुशी की मां को कॉलेज में बुलाया और खुशी को भी समझाया लेकिन खुशी की मां को बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई, और वह खुशी को लेकर घर चली गई।

अब उसकी मां ने उसका कॉलेज आना भी बंद कर दिया और खुशी का घर पर पूरा ध्यान रखने लगी। लेकिन खुशी कैसी भी हेमंत से बात कर लेती।

हेमंत का धोखा

खुशी तो हेमंत के प्यार में पागल हुई पड़ी थी उसे तो यह भी होश नहीं था कि हेमंत उससे प्यार भी करता है या नहीं। क्योंकि हेमंत ने खुशी को कुछ भी सीधे-सीधे नहीं बता रखा था।

हेमंत के दिल में खुशी के लिए कोई प्यार नहीं था, वह सिर्फ खुशी के साथ टाइम पास के लिए बात करता था। हेमंत भी किसी और लड़की से प्यार करता था जो की उसी के गांव में रहती थी। हेमंत ने उसे लड़की के बारे में खुशी के साथ कभी कोई जिक्र भी नहीं किया था, तो खुशी को हेमंत पर कोई शक भी नहीं हुआ।

खुशी जब भी अपने गांव जाती वहां भी चुप चुप कर ही हेमंत से बातें करती। वहां खुशी की मां उसे सबके सामने कुछ कह भी नहीं सकती थी, तू खुशी के लिए तो अच्छा था कि उसे वहां कोई कुछ कहने वाला भी नहीं है।

खुशी की भी हेमंत को लेकर आंखें खुलने वाली थी जब उसे पता चलने वाला था, कि हेमंत उससे प्यार नहीं करता है। अब हेमंत खुद ही खुशी को सब कुछ बता देता है और जिस लड़की से वह प्यार करता है उसके बारे में भी खुशी को सब बता देता है।

हेमंत की बात सुनकर खुशी बहुत बुरी तरह से टूट जाती है। बहुत दिनों तक खुशी किसी से कोई बात नहीं करती है। खुशी की माँ खुशी को हेमंत के लिए रोते हुए देखती हैं, तो उसकी मां को भी दुख होता है।

जब खुशी वापस अपने गांव से जयपुर आ जाती है, तो खुशी की मां उसे बताती है कि उसके लिए उन्होंने एक लड़का देख रखा है, जो की एक डॉक्टर है। खुशी की माँ खुशी को साफ-साफ बोल देती है कि, तेरी शादी इसी से ही होगी। लड़का उनकी जाति का भी नहीं होता है लेकिन खुशी की मां को उस चीज से कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि वह भी एक पढ़ी-लिखी महिला है।

खुशी भी अपनी मां को खुश देखना चाहती है तो वह भी शादी के लिए हां कह देती है। खुशी भी सोचती है कि उसकी मां ने उसके लिए लड़का देखा है तो वह अच्छा ही होगा। अब खुशी धीरे-धीरे हेमंत को भूल कर उस लड़के से बात करना शुरू कर देती है।

लड़का एक डॉक्टर था और बहुत समझदार था तो खुशी को भी बहुत पसंद आ गया था। खुशी ने उस लड़के के साथ दिवाली भी मनाई और वह उस लड़के के साथ खुश रहने लगी। उसे लड़के के आते ही खुशी हेमंत को भूल चुकी थी, और खुशी उसकी मां के पसंद के लड़के के साथ रहने लगी


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