Love story in hindi

तेरी मेरी कहानी

अग्नि और निहाल कुछ सालों से एक ही कॉलेज में पढ़ रहे थे और दोनों ने स्कूल भी एक ही जगह से किया। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे दोनों के घर भी पास ही थे वह रोज एक साथ समय बिताते, बहुत बातें करते और साथ-साथ पढ़ाई भी करते।
अग्नि के माता-पिता को उन दोनों की दोस्ती से कोई एतराज नहीं था। अक्सर निहाल अग्नि के घर आता जाता रहता, अग्नि के माता-पिता से घुल मिल गया था।

प्यार का एहसास
ऐसे चलते-चलते निहाल को अग्नि से प्यार का एहसास होने लगा निहाल ने अपने मन की बात अग्नि को बताई, निहाल अग्नि को गार्डन में बुलाता है। और उसके लिए गुलाब का फूल भी लेकर आता है, जैसे ही अग्नि गार्डन में आती है निहाल उसे अपने मन की बात बताता है और कहता है कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं। अपनी दोस्ती को आगे बढ़ना चाहता हूं। यह कहते हुए निहाल अग्नि को गुलाब का फूल दे देता है।

अग्नि निहाल की बातें सुनकर चौंकती नहीं है और उससे गुलाब का फूल ले लेती है। अग्नि को भी कहीं ना कहीं निहाल के लिए प्यार का एहसास था। कब वह दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे और कब उनकी दोस्ती रिलेशनशिप में बदल गई पता ही नहीं चला।

प्यार मे रुकावट
दोनों का रिलेशनशिप अच्छा चल रहा होता है। दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताते रहते हैं। अचानक उनके रिलेशनशिप के बारे में अग्नि के माता-पिता को पता चल जाता है।
अग्नि के माता-पिता को उन दोनों का रिलेशनशिप में आना पसंद नहीं आता है और वह अग्नि को निहाल से दूर रहने को बोलते हैं।

अग्नि उनकी बात नहीं सुनती है और रोज निहाल से मिलती और बातें करती। अग्नि के माता-पिता उससे बात करना कम कर देते हैं। अग्नि उनकी बात नहीं सुनती है, और निहाल के साथ अपने रिलेशनशिप को अच्छे से निभाती है।

समाज का डर
अग्नि के माता-पिता को डर था कि लोग उनकी बेटी के बारे में भला बुरा सोचेंगे अगर लोगों को अग्नि और निहाल के रिश्ते के बारे में पता चला तो समाज में हमारी बदनामी होगी।

अग्नि के माता-पिता से समझते हैं कि हमारा समाज इन चीजों को बढ़ावा नहीं देता है। समाज की नजरों में यह चीज गलत होती है। लॉग इन चीजों को बड़ा चढ़कर बहुत गलत बातें बनाते हैं।

लेकिन अग्नि को समाज से कोई मतलब नहीं होता है। और लोग क्या कहेंगे उसे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अग्नि निहाल से शादी करने की ठान लेती है। वह अपने माता-पिता से कहती है कि उसे समाज और समाज के लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। अग्नि अपने माता-पिता को भी यही समझती है कि हम लोगों के लिए अपना जीवन नहीं जीते हैं।
अग्नि के माता-पिता समाज के डर से उन दोनों की शादी के लिए राजी नहीं थे। लेकिन अग्नि ने तो ठान लिया था कि वह सिर्फ निहाल से ही शादी करेगी। अग्नि के माता-पिता उसे खूब समझते हैं लेकिन अग्नि अपने निर्णय पर खड़ी रही।

शादी की बात
अग्नि सारी बातें निहाल को बता देती है। निहाल अग्नि से बहुत प्यार करता है और वह भी उसी से शादी करना चाहता है। अग्नि निहाल को उसके माता-पिता से शादी की बात करने के लिए कहती है।
निहाल अपने माता-पिता को लेकर अग्नि के घर आता है और उसके माता-पिता से शादी की बात करते हैं।

निहाल भी अग्नि को समाज के डर से अलग नहीं कर सकता था। इसलिए वह अपने माता-पिता को लेकर अग्नि के घर आ जाता है, वह शादी की बात कर लेते है। उनकी सगाई की तारीख तय हो जाती है और कुछ दिनों बाद शादी भी तय हो जाती है।

अंत में अग्नि के माता-पिता को भी उनके प्यार के आगे झुकना ही पड़ता है और वह भी खुशी-खुशी उनकी शादी के लिए मान जाते हैं। कुछ ही दिनों बाद उनकी शादी भी हो जाती है। अंत में सब कुछ सही हो जाता है और सब खुशी-खुशी रहने लगते हैं।


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